जानें गृहस्थजन कब से कब तक करें दीपावली का पूजन
भविष्य पुराण के अनुसार, “कार्तिक प्रदोषे तु विशेषेण अमावस्या निशावर्धके। तस्यां सम्पूज्येत देवीं भोग मोक्ष प्रदायिनीम”।।
यानी जिस दिन मध्यरात्रि और प्रदोष काल में अमावस्या तिथि हो उसी दिन भोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए दिवाली पूजन करना चाहिए.
अमावस्या तिथि कितने बजे से: इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लग रहा है और इसी दिन प्रदोष काल में और मध्यरात्रि में अमावस्या तिथि है.
इसलिए गृहस्थ जनों को 24 अक्टूबर को ही दीपावली का पूजन प्रदोष काल में करना चाहिए.
प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन : आज दिवाली के दिन प्रदोष काल शाम में 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होगा. इस समय चर चौघड़िया रहेगा. जो शाम में 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
उसके बाद रोग चौघड़िया लग जाएगा. शाम में मेष लग्न 6 बजकर 53 मिनट तक है. ऐसे में स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए स्थिर लग्न में शाम 6 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट से पहले गृहस्थ जनों को देवी लक्ष्मी की पूजा आरंभ कर लेनी चाहिए.