रिपोर्ट: हरियाणा में तीन दिनों तक हुई आफत की बारिश से 7 जिलों में हालात खराब हो गए हैं। अंबाला में बाढ़ ने रेलवे लाइनों को भी नुकसान पहुंचाया है।
बारिश के कारण विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल सेक्शन पूरी तरह से प्रभावित है। रेल मार्ग पर पेड़ और मलबा गिरा हुआ है, जिसके बाद इस रूट पर 16 जुलाई तक कोई ट्रेन नहीं चलेगी। उधर, अंबाला-न्यू सहारनपुर रूट पर घसीटपुर के पास रेलवे लाइन के नीचे से जमीन खिसक गई है।

करनाल के इंद्री ब्लॉक में गढ़पुर टापू का यमुना बांध अब तक ठीक नहीं हुआ था कि मंगलवार देर रात करीब 1 बजे गांव समसपुर के पास एक और बांध टूट गया।
इस बांध के टूटने से कई और गांवों में पानी पहुंच गया है। यमुना से सटे करीब 36 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। नावों से लोगों तक राहत सामग्री भेजी जा रही है।

हरियाणा के सोनीपत में यमुना का पानी खतरे के निशान से उपर पहुंच गया है। पानी अब यमुना किनारे खेतों में खड़ी फसलों में पहुंचना शुरू हो गया है।
बाढ़ के हालात बनने से रोकने के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता तैयारी का दावा किया गया है, लेकिन किसान अपनी फसलों में पानी से नुकसान की संभावना देख कर सहमे हुए हैं।

यमुना के पानी में फंसे एक व्यक्ति को मंगलवार को जहां सुरक्षित निकाला गया, वहीं एक चरवाहे की मौत भी हो चुकी है। आज पानी का लेवल और ज्यादा बढ़ने के आसार हैं।
बताया गया है कि सोनीपत में यमुना नदी में लगातार बढ़ रहे पानी को लेकर बुधवार का दिन काफी अहम है। हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी आज यहां पूरी गति व क्षमता से पहुंच जाएगा।
फिलहाल सुबह से ही यमुना खतरे के निशान से उपर बह रही है। यहां यमुना में खतरे का लेवल 217 मीटर पर है।

वहीं पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरूक्षेत्र, कैथल और पानीपत जिलों के 239 गांव ऐसे हैं, जहां अभी भी बारिश का पानी भरा हुआ है। यहां 1857 लोग फंसे हुए हैं, हालांकि NDRF-SDRF ने मोर्चा संभाला हुआ है।
पानीपत और अंबाला में हालातों को काबू करने के लिए केंद्र सरकार की और से मदद दी जा रही है। इसके अलावा इन जिलों में पहले से NDRF के जवान राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं।