कल यानी 20 जुलाई से देश में लागू होने जा रहा है नया उपभोक्ता कानून! अब मिलावट करने वालों की ख़ैर नहीं, उपभोक्ताओ को होगा फ़ायदा! पढ़ें:

नई दिल्ली (Better News): केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Ram vilas paswan) ने ऐलान किया है कि पिछले साल संसद से पास हुआ नया उपभोक्ता संरक्षण कानून (New Consumer Law) कल से यानी 20 जुलाई से अस्तित्व में आ जाएगा।

सरकार द्वारा इस कानून को लागू करने के लिए नियम भी बना दिए गए हैं और नया कानून 1986 में बने उपभोक्ता संरक्षण कानून की जगह लेगा।

रामविलास पासवान का यह दावा हैं कि नया कानून लागू होने के बाद आम उपभोक्ता यानि ग्राहक ही अब राजा होगा और नया कानून ग्राहकों को ही ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस कानून में उपभोक्ताओं को ज़्यादा अधिकार भी दिए गए हैं और उन अधिकारों के इस्तेमाल के लिए सहूलियतें भी प्रदान की गई हैं।

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राम विलास पासवान ने एक ट्वीट के ज़रिए दावा किया कि “नया उपभोक्ता संरक्षण कानून अपने कई नये अधिसूचित नियमों व प्रावधानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति अधिक सुरक्षा प्रदान करेगा.”

इसमें सबसे बड़ी सहूलियत ये दी गई है कि उपभोक्ता ख़राब सामान की शिकायत देश के किसी भी उपभोक्ता न्यायालय में अपनी शिकायत दर्ज़ करवा सकेगा। फ़िलहाल यह क़ानून है कि जिस जगह से सामान ख़रीदा गया है उसी ज़िले के उपभोक्ता न्यायालय में शिकायत दर्ज़ करायी जा सकती है।

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नए कानून में शिकायत सही पाए जाने पर न सिर्फ़ आर्थिक ज़ुर्माने का प्रावधान है बल्कि जेल की सज़ा का भी इंतज़ाम किया गया है। अगर शिकायत सही पाई जाती है तो सामान के निर्माता को 5 लाख रुपए तक का ज़ुर्माना या 7 साल तक के क़ैद की सज़ा हो सकती है।

नए कानून में जिला, राज्य और केंद्र के स्तर पर उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण बनाए जाने का प्रावधान है। ज़िला प्राधिकरण 1 करोड़ तक , राज्य प्राधिकरण 1 करोड़ से 10 करोड़ तक, जबकि केंद्रीय प्राधिकरण 10 करोड़ रुपए के ऊपर तक वाले मामलों की सुनवाई करेगा। नए कानून में मिलावटी सामानों को लेकर भी कड़े प्रावधान किए गए हैं।

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राम विलास पासवान ने ट्वीट किया कि- “नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, मध्यस्थता, उत्पादों के लिए तय जिम्मेदारी और मिलावटी/खतरनाक उत्पाद बनाने और बेचने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.”

कानून का सबसे चर्चित और विवादित पहलू भ्रामक विज्ञापनों को लेकर रहा है। इस नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में भ्रामक विज्ञापनों के लिए केवल कम्पनियों पर ज़ुर्माने का प्रावधान किया गया है, उनमें काम करने वाले कलाकारों पर नहीं।

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नई ज़रूरत के हिसाब से ऑनलाइन, ई-कॉमर्स और टेली मार्केटिंग करने वाली कम्पनियों को भी नए कानून के तहत शामिल किया गया है। नए कानून में ई कॉमर्स करने वाली कम्पनियां उनके ज़रिए अपना सामान बेचने वाली उत्पादक कम्पनियों की भी जवाबदेही तय की गई है। हालांकि कल से लागू होने वाले इस कानून के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उन्हें अभी तक सरकार ने अधिसूचित नहीं किया है।

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