नई दिल्ली, एजेंसी। देश के कई राज्यों में चक्रवाती तूफान यास का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने इसके बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका जताई है।
इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) समेत 14 विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने तूफान से निपटने की तैयारियों का रिव्यू किया।

मौसम विभाग के डीजीएम मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का क्षेत्र आज एक दबाव में केंद्रित हो गया है और यह बालासोर और दीघा से लगभग 700 किमी दूर स्थित है।
इसके उत्तर और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 24 मई की सुबह तक एक चक्रवाती तूफान में तेज होने की उम्मीद है। यह 26 मई को पश्चिम बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा।

यह एक बहुत ही चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा और पारादीप और सागर द्वीप के बीच 185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के साथ उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट को पार करेगा।
यह अत्यधिक हानिकारक हवा की गति है। आप पिछले चक्रवात Tauktae और चक्रवात Amphan के साथ नुकसान की तुलना कर सकते हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों पर 26 मई की सुबह से हवा की गति 90-100 किमी प्रति घंटे से 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है। शाम तक यह और तेजी से बढ़ सकता है।
आईएमडी ने कहा, “26 मई की शाम के आसपास इसके पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों को पार करने की बहुत संभावना है।”

27 मई को कुछ इलाकों में अधिक बारिश होने का अनुमान है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफान का असर होने के अलावा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और पूर्वी तट के जिलों में तेज बारिश हो सकती है और बाढ़ के हालात भी पैदा हो सकते हैं।

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