Better News(India): दिवाली हिंदूओं का सबसे खास त्योहारों में से एक माना जाता है. पंचांग के मुताबिक, इस बार दिवाली का त्योहार आज 24 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाया जा रहा है. हर साल दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है.
दिवाली को दीप उत्सव भी कहा जाता है. दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है.
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विधि विधान से की जाती है. इससे मां लक्ष्मी भक्तों पर अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों को धन-वैभव एवं सुख-संपदा तथा समृद्धि में बढ़ोत्तरी के आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
आइये जानें दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त.
- दिवाली लक्ष्मी–गणेश पूजा शुभ मुहूर्त: 24 अक्टूबर
- लक्ष्मी–गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त : शाम 06:54 से 08:16 मिनट तक
- लक्ष्मी पूजन की अवधि: 1 घंटा 21 मिनट
- प्रदोष काल : शाम 05:42 से रात 08:16 मिनट तक
- वृषभ काल : शाम 06: 54 से रात 08: 50 मिनट तक
दिवाली 2022 पूजन सामग्री
- भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की नई मूर्ति ,बही-खाता, देवी लक्ष्मी के लिए एक लाल रेशमी कपड़ा और एक पीला कपड़ा , भगवान के आसन के लिए एक लाल कपड़ा, मूर्ति रखने के लिए लकड़ी का स्टूल, पांच बड़े, मिट्टी के दीपक
- 25 छोटे मिट्टी के दीपक, एक मिट्टी का कलश , ताजे फूलों से बनी कम से कम तीन माला, बिल्वपत्र और तुलसी पत्ती, मिठाई, फल, गन्ना, लावा, 3 मीठा पान, दूर्वा घास, पंच पल्लव , जनेऊ, कपूर, दक्षिणा, धूप, गेंहूं, खील, बताशे, स्याही, दवात
दिवाली 2022 पूजा विधि
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है. इस दिन शाम को स्नानादि करके साफ़ कपड़ा पहने लें. उसके बाद पूजा स्थल पर बैठकर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और इस पर साबुत अक्षत की एक परत बिछा दें.
अब मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित कर उनकी विधि-विधान से पूजा करें. पूजा के दौरान कलश व अन्य पूजन सामग्री जैसे- खील बताशा, सिन्दूर, गंगाजल, अक्षत-रोली, मोली, फल-मिठाई, पान-सुपारी, इलाइची आदि चढ़ाएं.
मान्यता है कि इससे शुभ फलों में वृद्धि होती है. अंत में आरती कर प्रसाद वितरण करें.
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