नई दिल्ली (Better News): अमेरिका में हुए दंगों की तस्वीरें चौंकाने वाली हैं। लगभग एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन हंगामा शांत होने के बजाय बढ़ रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कह रहे हैं कि यह एक संयोग नहीं है, इसके पीछे एक संगठन है, जिसे एंटिफा कहा जाता है।

यह एक ऐसा संगठन है जिसका कोई चेहरा नहीं है। यह वामपंथी संगठन गुप्त रूप से काम करता है।

लूटपाट और तोड़-फोड़ इसकी ख़ासियत है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने घोषणा की है कि समूह को संयुक्त राज्य (US) में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

46 वर्षीय जॉर्ज फ्लॉयड, एक व्यक्ति की 25 मई को मिनियापोलिस में हत्या कर दी गई थी और पुलिस के घुटनों के नीचे फ्लोयड का एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसके बाद से मिनियापोलिस में दंगे भड़क गए।

पूरे अमेरिका में लूटपाट, आगजनी और विरोध प्रदर्शन हुए।

दरासल, 25 मई, 2020 को मिनियापोलिस पुलिस ने जाली नोट चलाने के लिए जॉर्ज फ्लॉयड को गिरफ्तार किया था। एक पुलिस अधिकारी ने लगभग आठ मिनट के लिए जॉर्ज की गर्दन पर अपना घुटने रख दिया, जिससे उसे साँस लेने में परेशानी होने लगी। लेकिन किसी ने भी उस पर विश्वास नहीं किया और अंत में दम घुटने से उसकी मृत्यु हो गई।

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वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि विरोध प्रदर्शनों के पीछे एक आतंकवादी संगठन था। उन्होंने ट्वीट किया- “एंटिफा को संयुक्त राज्य अमेरिका में एक आतंकवादी संगठन घोषित किया जाएगा”।

मिनियापोलिस में दंगे व्हाइट हाउस तक पहुंच गए, जहां जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में कल बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। राष्ट्रपति ट्रम्प ने दावा किया कि 80% आबादी दूसरे राज्यों से आने के साथ मिनियापोलिस में हिंसा की योजना बनाई गई थी।

एंटिफ़ा क्या है?
एंटीफा शब्द फासीवाद विरोधी शब्द का छोटा रूप है। यह संगठन एक वामपंथी संगठन है। लेकिन यह मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी से सीधे संबद्ध नहीं है। अंतिफा का कोई नेता या मुख्यालय नहीं है। हर राज्य में इसकी शाखाएँ हैं जो बैठकें आयोजित करती हैं। यह एक सरकार-विरोधी और पूंजी-विरोधी संगठन है। बता दें कि प्रदर्शन के दौरान वह संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहा है।
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