नई दिल्ली: क्या देश में वाकई बिजली का संकट आने वाला है? या फिर बिजली संकट के नाम पर देश को डराने का खेल खेला जा रहा है?
केंद्र सरकार का कहना है कि देश में कोई बिजली संकट नहीं है और बिजली संकट को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। तो वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया केंद्र पर गलत जानकारी देने का आरोप लगा रहे हैं।

एक तरफ जहां केंद्र सरकार दावा कर रही है कि देश में कोई बिजली संकट नहीं है और कोयले का भरपूर स्टॉक है। वहीं दूसरी तरफ कई राज्यों से आ रही खबरों इस बात का संकेत दे रही हैं कि ब्लैकआउट का खतरा गहराता जा रहा है।
महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में बिजली उत्पादन पर कोयले की कमी का असर पड़ा है।
यूपी में नोएडा पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने भी लोगों को मैसेज भेजकर बिजली कम इस्तेमाल करने की अपील की है।

महाराष्ट्र सरकार लोगों से बिजली बचाने की अपील कर रही है, क्योंकि राज्य की 13 बिजली यूनिट बंद हो गई हैं। इसकी वजह कोयले की कमी बताई जा रही है।
हालांकि केंद्र ने कहा है कि देश में बिजली संकट के नाम पर जबरदस्ती दहशत फैलाई जा रही है। ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि कोयला की सप्लाई पावर प्लांट को बढ़ाया जा रहा है।

मंत्रालय के मुताबिक, कोल इंडिया के पास 24 दिन का कोयला स्टॉक है। जहां तक राज्यों में पावर स्टेशनों की बात है तो उनके पास 17 दिन का नहीं, लेकिन 4-4 दिन का स्टॉक जरूर उपलब्ध है और इसमें रोज सप्लाई हो रही है।

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